कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र सरकार के बीच टकराव के केंद्र में रहे राज्य के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय रिटायर हो गए हैं। साथ ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें अपना मुख्य सलाहकार नियुक्त किया है। बंदोपाध्याय को केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली बुलाए जाने के बाद खड़े हुए विवाद के बीच सोमवार को वे रिटायर हो गए। बंदोपाध्याय को अब पश्चिम बंगाल सरकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का सलाहकार बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया था कि वह अपने राज्य के कोरोना की लड़ाई के बीच अलपन को केंद्र में ट्रांसफर करने के मोदी सरकार के आदेश का पालन नहीं करेंगी। उन्होंने बताया कि बंदोपाध्याय के रिटायर होने के बाद हरिकृष्ण द्विवेदी बंगाल के नए मुख्य सचिव होंगे।
ममता बनर्जी ने कहा कि उन्होंने कोई वजह नहीं दी थी। मैं हैरान हूं। मैंने फैसला किया है कि कोरोना के समय में हमें उनकी सेवाओं की जरूरत होगी। चाहे वह कोरोना हो या फिर यास, वे गरीबों, राज्य और देश के लिए अपनी सेवाओं को जारी रखेंगे।
सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य सचिव को तीन महीने का एक्सटेंशन देने की अनुमति के लिए 10 मई पत्र को पत्र लिखा था। कोरोना महामारी को देखते हुए अलपन बंदोपाध्याय को तीन महीने के विस्तार की अनुमति देने की अपील की गई थी।
केंद्र ने उन्हें अलपन को सोमवार सुबह 10 बजे दिल्ली स्थिति केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के ऑफिस में रिपोर्ट करना था, लेकिन उन्होंने न जाने का फैसला लिया और ममता बनर्जी के साथ मीटिंग्स करते रहे। इसके बाद केंद्र सरकार की ओर से अनुशासनात्मक फैसला लिए जाने की चर्चा थी, जिसके पहले ही उन्होंने रिटायरमेंट की घोषणा कर दी।


