नई दिल्ली। फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर आर्ट डायरेक्टर नितिन देसाई अब नहीं रहे है। आर्ट डायरेक्टर ने बुधवार की सुबह मुंबई के एनडी स्टूडियो में आत्महत्या कर ली। सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने मंगलवार देर रात तकरीबन 3:30 पर फांसी लगाकर आत्महत्या की थी। नितिन ने इतना बड़ा कदम आर्थिक तंगी के चलते उठाया। बता दें नितिन देसाई 58 वर्ष के थे। उनके इस कदम से पूरी इंडस्ट्री शोक में डूब चुकी है। वह एक लोकप्रिय कला निर्देशक होने के साथ निर्माता-डायरेक्टर और एक्टर भी थे।
सूत्रों के मुताबिक, नितिन देसाई के ऊपर 180 करोड़ का कर्ज था, जिसे वो चुका नहीं पा रहे थे। ये कर्ज डायरेक्टर को एडलवाइस कंपनी को देना था लेकिन वो काफी कोशिशों के बाद भी कर्ज नहीं चुका पा रहे थे। बताया ये भी जा रहा है कि 180 करोड़ का लोन लेने के लिए आर्ट डायरेक्टर ने कुछ जमीन गिरवी रखी थी और कर्ज न चुकाने स्थिति में अपनी कंपनी देने का भी प्रस्ताव रखा था।
हालांकि डायरेक्टर का लोन अब तक 180 करोड़ से 249 करोड़ रुपये हो गया, जिसे चुकाने का दवाब उन पर लगातार रहा। कर्ज वसूली के लिए फाइनेंस कंपनी एडलवाइस एनडी स्टूडियो की नीलामी भी करने वाली थी। करीब 15 साल पहले रिलायंस ने एनडी स्टूडियो का 50% स्टेक पर खरीदा था। पर बाद में अनिल अंबानी की कंपनी खुद ही कर्ज में दबती चली गई, जिससे एनडी को वर्ल्ड क्लास स्टूडियो बनाने का सपना अधूरा रह गया।
नितिन देसाई ने कई मशहूर फिल्म जैसे हम दिल दे चुके सनम, देवदास, लगान, जोधा अकबर, खारी, मिशन काश्मीर, स्वदेश और प्रेम रतन धन पायो जैसी फिल्मों का सेट डिजाइन किया था। उन्हें 4 बार बेस्ट आर्ट डायरेक्शन का राष्ट्रीय फिल्म अवार्ड भी मिला चुका था। इसके अलावा साल 2003 में देवदास और साल 2000 में हम दुल दे चुके सनम के लिए नितिन को सर्वश्रेष्ठ कला निर्देशक के राष्ट्रयी पुरस्कारी से सम्मानित किया गया है। वहीं नितिन देसाई को फिल्म हिरश्रंद फैक्ट्री के लिए सर्वश्रष्ठ कला निर्देशक के रूप में महाराष्ट्र राज्य फिल्म अवार्ड मिला है।
बता दें नितिन देसाई का जन्म 6 अगस्त साल 1965 को महाराष्ट्र के दापोली में हुआ था। आर्ट डायरेक्टर ने अपनी स्कूली शिक्षा मुंबई के मुलुंड में वामनराव मुरंजन हाई स्कूल नामक एक मराठी माध्यम स्कूल में पूरी की। वहीं फिर बाद में नितिन ने जे.जे. में फोटोग्राफी का अध्ययन किया। नितिन दिल्ली में विश्व सांस्कृतिक महोत्सव 2016 और हम दिल दे चुके सनम (1999), लगान (2001), देवदास (2002), जोधा अकबर (2008) जैसी फिल्मों में उनके शानदार काम के लिए जाने जाते है।


