Oct 28 2025 / 12:51 PM

एण्डटीवी के कलाकारों ने कहा छत्तीसगढ़ है अव्वल पर्यावरण संरक्षण में

छत्तीसगढ़ ग्रीन इंडिया की दिशा में आगे रहा है, चाहे वह अक्षय ऊर्जा की बात हो या फिर पर्यावरण के सरंक्षण की दिशा में काम करने की। ‘विश्व पर्यावरण दिवस‘ के मौके पर एण्डटीवी के कलाकारों हिमानी शिवपुरी उर्फ ‘हप्पू की उलटन‘ की कटोरी अम्मा, और ‘संतोषी मां सुनाये व्रत कथायें‘ की ग्रेसी सिंह ने बात की। हिमानी शिवपुरी ने राज्य द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिये उठाये गये कदम के बारे में बताया। उन्होंने कहा, ‘‘इस राज्य ने पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिये बेहतरीन प्रयास किये हैं। नौकरीपेशा लोगों से लेकर किसानों और अन्य सेक्टर में काम करने वाले नागरिकों ने भी इसमें अपनी भागीदारी निभायी है। फसलों के अवशेषों को जलाने पर बैन लगने के बाद हवा की क्वालिटी काफी हद तक सुधरी है। रायपुर भारत के स्मार्ट शहरों में से एक है और तकनीकी रूप से तरक्की करने के बावजूद, ग्रीन-लंग बनाने के बाद प्रकृति की तरफ और भी ज्यादा ध्यान दिया है। सरकार ने माइक्रो-फाॅरेस्ट तैयार किये ताकि शहर की खूबसूरती में निखार आ सके और यह ज्यादा हरा-भरा नजर आये। ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ उन सारे निशानों की याद दिलाता है जो हमने पृथ्वी पर छोड़े हैं। साथ ही यह टिकाऊ उपायों को अपनाने के लिये भी जागरूकता फैलाता है। हम सब पर्यावरण के बहुत बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहे हैं और हमें भावी पीढ़ी को इसका जवाब देना होगा। मैं खुद भी जरूरत से पानी खर्च करने से बचने के लिये अपना वक्त देती हूं। यह एक ऐसा संसाधन है, जिसकी कमी से काफी लोग जूझ रहे हैं और इसे बचाना मेरा कर्तव्य है। मैं पानी को अक्सर पौधों या फिर साफ-सफाई के लिये दोबारा इस्तेमाल करती हूं। महामारी से पहले मैं और मेरी कजिन पौधारोपण अभियान में जाया करते थे ताकि पर्यावरण को ज्यादा से ज्यादा पेड़ मिल सकें।‘‘ ग्रेसी सिंह उर्फ संतोषी मां कहती हैं, ‘‘बदलाव के बिना प्रगति नामुमकिन है और छत्तीसगढ़ उसका बहुत बड़ा उदाहरण है। भले ही इस राज्य ने कई स्तरों पर बदलाव देखे हैं लेकिन वह धरती मां और उसकी जड़ों के अनुकूल रहे हैं। राज्य और यहां के लोगों ने कल्याण कार्यों से कहीं आगे बढ़कर काम किया है। उन्होंने प्रकृति और उसकी अच्छाइयों को संरक्षित किया है। अंबिकापुर भारत के जीरो-वेस्ट शहरों में से एक है और कचरों को अलग-अलग करने की उनकी आदतें उम्मीद से भी कहीं बेहतर साबित हुई है। सिर्फ कचरों को व्यवस्थित तरीके से डिस्पोज करने की बात नहीं है, बल्कि यह पेड़-पौधों और जीव-जंतुओं की जरूरतों को भी पूरा करता है। इस माॅडल की वजह से सैकड़ों नौकरियां बनी हैं और यह स्थायी वेस्ट मैनेजमेंट का प्रेरक मामला है। इसे कहीं भी आसानी से लागू किया जा सकता है।‘‘

देखिये, ग्रेसी सिंह को संतोषी मां के रूप में ‘संतोषी मां सुनाये व्रत कथायें‘ में रात 9 बजे और हिमानी शिवपुरी को कटोरी अम्मा के रूप में ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ में रात 10 बजे, हर सोमवार से शुक्रवार केवल एण्डटीवी पर!

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