भोपाल भारत की ‘बायो-वैली‘ है। यह स्वच्छ और हरित तकनीकों वाली नई प्रौद्योगिकी का आधार है, जोकि पर्यावरण को सुरक्षित रखने के साथ-साथ यहां के नागरिकों को भी सुरक्षित रखने में मदद करता है। भोपाल शहर झीलों और प्राचीन स्मारकों से सुसज्जित है, जोकि देश के सबसे हरियाली वाले शहरों में शुमार है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 100 स्मार्ट सिटी वाले मिशन के लिये चुने जाने वाले 20 शहरों में से एक है। ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ के मौके पर भोपाल की रहने वाली, सारा खान उर्फ एण्डटीवी के ‘संतोषी मां सुनाये व्रत कथायें‘ की पाॅलोमी देवी ने धरती और उसके ईको-सिस्टम को बनाये रखने में अपने योगदान के बारे में बात की। उन्होंने बताया, ‘‘तकनीकी रूप से एडवांस होने की इस दौड़ में हम अनजाने में पर्यावरण के संतुलन को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं और उसमें गड़बड़ी पैदा कर देते हैं; इसलिये हमें एकजुट होकर इस नुकसान को ठीक करना होगा। इसके लिये हमें साथ मिलकर ज्यादा से ज्यादा पर्यावरण के अनुकूल तरीकों को अपनाना होगा और उसका प्रचार-प्रसार करना होगा। भोपाल मेरा होमटाउन है और इसे देश के सबसे हरियाली वाले शहर के रूप में जाना जाता है। यह शहर कई सारी झीलों की धरती है और यहां क्लीन एनर्जी के इस्तेमाल की वजह से इसे भारत की बायो-वैली का नाम दिया गया है। मुझे ऐसा लगता है कि एक नागरिक होने के नाते हमारा यह कर्तव्य है कि हम पर्यावरण के लिये कुछ करें।
मैं और मेरा परिवार ऊर्जा बचाने के लिये लाइट्स और पंखे को उस समय बंद कर देते हैं जब उनकी जरूरत नहीं होती है। इसके अलावा हम ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने की कोशिश करते हैं ताकि पर्यावरण को और हरा-भरा करने में अपना योगदान दे सकें। इसके अलावा, मुझे ऐसा लगता है कि हमें नदियों को साफ रखने, पानी बचाने और पर्यावरण के संरक्षण की दिशा में अपना योगदान देने पर ध्यान देने की जरूरत है। हमारी धरती इंसानों के साथ-साथ जानवरों और अन्य प्रजातियों तथा जीव-जंतुओं के लिये है। इस ‘विश्व पर्यावरण दिवस‘ पर आइये हम सब पर्यावरण के प्रति थोड़े और जागरूक बनें और पर्यावरण के अनुकूल और भी अच्छी आदतों को अपनी जिंदगी का हिस्सा बनायें।’’
देखिये, सारा खान को देवी पाॅलोमी के रूप में, ‘संतोषी मां सुनाये व्रत कथायें‘ में रात 9 बजे, इसका प्रसारण हर सोमवार से शुक्रवार, सिर्फ एण्डटीवी पर किया जाता है!


